वीर बाल दिवस के अवसर निकली प्रभात फेरी विधायक मैथानी ने किया किया लोगों को संबोधित

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आज गोविंद नगर विधानसभा अंतर्गत सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह के चार बेटों - अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह, और फतेह सिंह की वीरता और बलिदान पर, *वीर बाल दिवस* के अवसर पर, प्रभात फेरी निकाल कर लोगों को जागरूक किया।यह प्रभात फेरी, वाहेगुरु वाहेगुरु का जाप करते हुए,सोसाइटी धर्मशाला पांडव नगर से प्रारंभ होकर, व्हाइट हाउस होते हुए, कंचन स्वीट फिर बीमा अस्पताल होते हुए, पांडव नगर  गुरुद्वारा पहुंची। गुरुद्वारे में मत्था टेका, तत्पश्चात शब्द कीर्तन को सुनकर, फिर उपस्थित सिख समुदाय को विधायक जी ने संबोधित किया।
विधायक जी ने, अपने संबोधन में, सिख समाज से कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी के पूरे परिवार की शहादत/बलिदान 21 दिसंबर से लेकर 27 दिसंबर तक,मात्र 7 दिनों के अंदर ही हो गया।यह द्रष्टान्त, आजाद देश के इतिहास में कभी भी, कांग्रेसियों ने आम जन को समझने ही नहीं दिया कि हमारा इतिहास क्या है और गुरु गोविंद सिंह जी के 4 साहिबजादों  का बलिदान कितना महत्व रखता है। जिस पर हमें गर्व होना चाहिए, उसे इतिहास से और शिक्षा से लगभग विलुप्त कर दिया गया,और सारा ध्यान मुगलों के इतिहास पर ही और उनकी महिमामंडन पर ही केंद्रित कर दिया गया।
विधायक जी ने गुरुद्वारे में अपने संबोधन में कहा कि इतिहास में छेड़छाड़ करके हमें भ्रमित करना और शिक्षा में भी अपने पूर्वजों के बलिदानों को ना पढ़ाया जाना दुर्भाग्यपूर्ण जिसे अब मोदी की नई शिक्षा नीति के अंतर्गत सुधार कर रहे हैं अब यह इतिहास और हमारी पूर्वजों के बलिदानों पर गर्व करने का समय आया है। अभी तक हमें यह समझने ही नहीं दिया गया कि,यह शहादत, पूरे विश्व के इतिहास में अकेला ऐसा उदाहरण है,जो सबसे कम उम्र की 04 शहादतें और सबसे पहले, इस प्रकार के, गुरु गोविंद सिंह जी के पूरे परिवार की शहादत हुई। हम वीर बाल दिवस के अवसर पर सर्व समाज को बधाई देते हैं और अपने पूर्वजों पर गर्व करते हुए, मोदी जी का धन्यवाद ज्ञापित करते हैं कि उन्होंने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में घोषित करके, हम सबको,गौरवान्वित होने का अवसर दिया।
प्रभात फेरी में मुख्य रूप से विधायक सुरेंद्र मैथानी, जिला अध्यक्ष दीपू पांडे, मंडल अध्यक्ष अरविंद सिंह,सरदार हरविंदर सिंह, इंद्रपाल सिंह, सतवीर सिंह, आकाश भाटिया,जगवीर सिंह, आतम सलूजा, अनमित कौर, हरदीप सिंह चेतिया, तविंदर कौर, मीनू कौर, शरनजीत कौर आदि, बड़ी संख्या में सिख समाज के महिलाएं और पुरुष लोग मौजूद रहकर साथ साथ चले

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